मेरठ। मोदीपुरम स्थित शोभित विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने छात्र छात्राओं को डिग्री व उपाधि प्रदान की। इस दौरान उन्होंने छात्र छात्राओं से अपने अनुभव भी बांटे। उन्होंने कश्मीर से 370 हटाने पर बोलते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा कोई ये काम नहीं कर सकता था। सीएएए पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी।
उन्होंने बताया कि बचपन के वह दिन जब मां डांट कर स्कूल कॉलेज में भेजती थी। आज बहुत याद आते हैं । मां की उसी डांट ने कॉलेज से विश्वविद्यालय का सफर तय कराया, आज एक प्रदेश का राज्यपाल होने के बाद जब कभी भी स्कूल कॉलेज या विश्वविद्यालय से न्योता मिलता है, तो मैं खुद को नहीं रोक पाता।
विश्वविद्यालय में पहुंचने के बाद ऐसा लगता है कि फिर से मां की गोद में आ गया। गांव के वह दिन भी बहुत याद आते हैं, जब स्कूल कॉलेजों से छुट्टी मिलने पर अपने गांव में पहुंचकर बड़े बुजुर्गों के बीच पहुंचते थे।
पढ़ाई के साथ साथ भविष्य में क्या करना चाहते हो । बड़े बुजुर्गों के यह तमाम सवाल पूछे जाते थे । लेकिन आज डिजिटल की दुनिया की चकाचौंध में युवा स्कूल कॉलेज से जाने के बाद व्हाट्सएप, फेसबुक आदि से ही अपना समय गुजारते हैं।
न युवाओं के पास समय है और ना ही बड़े बुजुर्गों के। पुरानी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए जरूरत है कि सब एक दूसरे को समय दें। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी, लेकिन देश के हर शहर गांव में सब को अलग-थलग देख ऐसा लगता है की असली धारा 370 हटाने की यहां जरूरत अधिक है।
विश्वविद्यालय में पहुंचने के बाद ऐसा लगता है कि फिर से मां की गोद में आ गया। गांव के वह दिन भी बहुत याद आते हैं, जब स्कूल कॉलेजों से छुट्टी मिलने पर अपने गांव में पहुंचकर बड़े बुजुर्गों के बीच पहुंचते थे।
पढ़ाई के साथ साथ भविष्य में क्या करना चाहते हो । बड़े बुजुर्गों के यह तमाम सवाल पूछे जाते थे । लेकिन आज डिजिटल की दुनिया की चकाचौंध में युवा स्कूल कॉलेज से जाने के बाद व्हाट्सएप, फेसबुक आदि से ही अपना समय गुजारते हैं।
न युवाओं के पास समय है और ना ही बड़े बुजुर्गों के। पुरानी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए जरूरत है कि सब एक दूसरे को समय दें। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी, लेकिन देश के हर शहर गांव में सब को अलग-थलग देख ऐसा लगता है की असली धारा 370 हटाने की यहां जरूरत अधिक है।
उन्होंने समारोह में शामिल हुए छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षक शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं 1 साल का था, मेरे पिताजी का देहांत हो गया था। गांव से गिरते पड़ते यूनिवर्सिटी तक का सफ़र तय किया।
कॉलेज से विश्वविद्यालय का सफर तय करने के बाद मैं यहां से आदमी बनकर निकला और अपने जीवन को नया आयाम देने के लिए आगे का सफर शुरू किया। यह सफर आदमी को क्या-क्या बना देता है, यह मैंने अपने जीवन में देखा और बहुत लोगों के जीवन में वापस आकर जो बुढ़ापे की अनुभूति है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं अपने गांव जा रहा था तो मैंने सोचा यहां कुछ भी नहीं बदला आज भी लोग आपस में लड़ते हैं वह पराक्रम वाले लोग ही नहीं रहे, जो नौजवानों में जोश भरा करते थे। हां इस बात की खुशी जरूर है कि धारा 370 हटने के बाद गांव के नौजवानों में जोश पैदा किया।
एजुकेशन से ज्यादा इंसान को कोई चीज एंपावर नहीं करती। ना तो दहेज में चार छल्ले वाली गाड़ी एंपावर करती है ना बंगला एंपावर करता है ना आपका बिजनेस एंपावर करता है। रुपया एंपावर करता है, एजुकेशन जो आपको बना सकती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही आपको बहुत आगे तक ले जा सकती है, तो इसको आप ही समझ लें, कि यह जो मौका है आपके पास इसमें आप जो बेहतर से बेहतर है वह करिए। बिहार और अन्य विश्वविद्यालय का तर्क देते हुए कहा कि वैसे मुझे थोड़ा अफसोस है कि 11 गोल्ड मेडल में एक गोल्ड सिर्फ एक लड़के का एक ही था, यहां भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
लड़कियों के 58 गोल्ड मेडल हैं और लड़कों के 34, लड़कियों को तो बधाई भी देता हूं और यह कहना चाहता हूं कि और आगे बढ़ो हम तो आपको पैदा भी नहीं होने देना चाहते थे। उत्तर भारत के लोग तो कोशिश करते हैं कि आप पैदा ही न हों, लेकिन जब पैदा हो जाती हैं तो मैदान में आप से आगे निकल जाती हैं।
कॉलेज से विश्वविद्यालय का सफर तय करने के बाद मैं यहां से आदमी बनकर निकला और अपने जीवन को नया आयाम देने के लिए आगे का सफर शुरू किया। यह सफर आदमी को क्या-क्या बना देता है, यह मैंने अपने जीवन में देखा और बहुत लोगों के जीवन में वापस आकर जो बुढ़ापे की अनुभूति है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं अपने गांव जा रहा था तो मैंने सोचा यहां कुछ भी नहीं बदला आज भी लोग आपस में लड़ते हैं वह पराक्रम वाले लोग ही नहीं रहे, जो नौजवानों में जोश भरा करते थे। हां इस बात की खुशी जरूर है कि धारा 370 हटने के बाद गांव के नौजवानों में जोश पैदा किया।
एजुकेशन से ज्यादा इंसान को कोई चीज एंपावर नहीं करती। ना तो दहेज में चार छल्ले वाली गाड़ी एंपावर करती है ना बंगला एंपावर करता है ना आपका बिजनेस एंपावर करता है। रुपया एंपावर करता है, एजुकेशन जो आपको बना सकती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही आपको बहुत आगे तक ले जा सकती है, तो इसको आप ही समझ लें, कि यह जो मौका है आपके पास इसमें आप जो बेहतर से बेहतर है वह करिए। बिहार और अन्य विश्वविद्यालय का तर्क देते हुए कहा कि वैसे मुझे थोड़ा अफसोस है कि 11 गोल्ड मेडल में एक गोल्ड सिर्फ एक लड़के का एक ही था, यहां भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
लड़कियों के 58 गोल्ड मेडल हैं और लड़कों के 34, लड़कियों को तो बधाई भी देता हूं और यह कहना चाहता हूं कि और आगे बढ़ो हम तो आपको पैदा भी नहीं होने देना चाहते थे। उत्तर भारत के लोग तो कोशिश करते हैं कि आप पैदा ही न हों, लेकिन जब पैदा हो जाती हैं तो मैदान में आप से आगे निकल जाती हैं।
देश के किसी भी विद्यालय में लड़के लड़कियों के बराबर नहीं। काबिल बनो पढ़ो और आगे बढो। मैं शोभित का आभारी हूं, जिन्होंने व्यापार में न जाकर इस तरफ चले आए। ब्रिटेन में जो वर्ल्ड वार द्वितीय हुआ था, उसमें जो बजट पेश किया जा गया था तो प्रधानमंत्री ने इस सभी मद संबंध में कटौती की, लेकिन शिक्षा के मध्य में एक पैसे की भी कटौती नहीं की सारे विपक्ष ने हल्ला मचा के आपने शिक्षा में कटौती क्यों नहीं की। तो उसने कहा कि इसलिए नहीं की है मकान दोबारा बन जायेंगे, पुल दोबारा बन जाएंगे, लेकिन अगर एक पीढ़ी शिक्षा की खराब हो गई तो वह दुबारा नहीं आएगी।
विदेशों में बड़े उद्योगपति ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं को देखते हैं। इस वजह से वह जाने जाते हैं। और हमारे यहां 300 करोड़ की सगाई एक मुंबई के उद्योगपति नेकी थी, 300 करोड़ तो चेक से हुई थी और कम से कम वह सगाई 1000 करोड़ की हुई थी अगर वह पैसा शिक्षा में खर्च हो तो और सुधार हो सकता है आप अमेरिका में जा कर देखिए, जो बच्चे कामयाब होते हैं वह वापस आते हैं और वापस आकर अपनी यूनिवर्सिटी को अपनी आमदनी का हिस्सा देते हैं। उसके बढ़ाने में हिस्सेदारी करते हैं ।
आपसे भी कहूंगा कि कामयाब होते हैं वापस जरूर आना और इसके आगे बढ़ाने में अपना योगदान करना। हम अपने कैरियर में आगे बढ़ते हैं और उसके बाद हमारी ड्यूटी होती है कि हम समाज में अच्छे से काम करें, लेकिन जब आप निकलते हैं उस वक्त आफ आइडियलिज्म से भरे हुए होते हैं। मैं जनता की सेवा करूंगा, लेकिन यह समाज आपको इस लायक छोड़ता नहीं। जिस तरह के सब्जेक्ट में डिग्री पाने के लिए हमारे इलाके के लोग अपने बच्चे को भेजने के लिए जमीन आसानी से ऊपर सारी पढ़ाई लोगों को उपलब्ध कराई है। दीक्षांत समारोह में सो विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल को मानद उपाधि भी दी गई।
विदेशों में बड़े उद्योगपति ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं को देखते हैं। इस वजह से वह जाने जाते हैं। और हमारे यहां 300 करोड़ की सगाई एक मुंबई के उद्योगपति नेकी थी, 300 करोड़ तो चेक से हुई थी और कम से कम वह सगाई 1000 करोड़ की हुई थी अगर वह पैसा शिक्षा में खर्च हो तो और सुधार हो सकता है आप अमेरिका में जा कर देखिए, जो बच्चे कामयाब होते हैं वह वापस आते हैं और वापस आकर अपनी यूनिवर्सिटी को अपनी आमदनी का हिस्सा देते हैं। उसके बढ़ाने में हिस्सेदारी करते हैं ।
आपसे भी कहूंगा कि कामयाब होते हैं वापस जरूर आना और इसके आगे बढ़ाने में अपना योगदान करना। हम अपने कैरियर में आगे बढ़ते हैं और उसके बाद हमारी ड्यूटी होती है कि हम समाज में अच्छे से काम करें, लेकिन जब आप निकलते हैं उस वक्त आफ आइडियलिज्म से भरे हुए होते हैं। मैं जनता की सेवा करूंगा, लेकिन यह समाज आपको इस लायक छोड़ता नहीं। जिस तरह के सब्जेक्ट में डिग्री पाने के लिए हमारे इलाके के लोग अपने बच्चे को भेजने के लिए जमीन आसानी से ऊपर सारी पढ़ाई लोगों को उपलब्ध कराई है। दीक्षांत समारोह में सो विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल को मानद उपाधि भी दी गई।
सीएए पर बोले किसी की नहीं जाएगी नागरिकता
अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ना हो तो इस देश से 370 कभी भी नहीं हटती। फारुख अब्दुल्ला और महबूबा का बयान है 370 के हटने से एक हफ्ता पहले फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि नरेंद्र मोदी अगर दूसरा जन्म लेकर भी आ जाएं तो भी धारा 370 नहीं हटा सकते हैं। फारुख अब्दुल्ला की 3 एकड़ में कोठी श्री नगर में है, दिल्ली में है, दुबई में है, लंदन में, फ्रांस में उसके पिताजी स्कूल टीचर। इतनी बड़ी लूट इन लोगों ने की है। और कश्मीर के आदमी को, दिल्ली को डराते थे ।
ईद पर बीच-बीच में 370 हटने के बाद एक भी कश्मीरी सिपाही ने ईद की छुट्टी नहीं मांगी। सब सरकार के साथ थे और ड्यूटी देते रहे देश के साथ खड़े रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा ऐसा कोई नहीं कर सकता।
पाकिस्तान इतना डरा हुआ रहता है। कि पता नहीं कब पीओ को लेकर क्या हो जाएगा नागरिकता संशोधन कानून पर कहा कि इस पर गृहमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है इस पर विपक्ष ने काफी भ्रांतियां फैलाई थी इस पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है इस पर पाकिस्तान से भी मोटी फंडिंग की गई थी बड़ी प्लानिंग थी जिसे सरकार ने रोका