मेरठ। विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भीम आर्मी ने तैयारी के साथ ही बसपा नेताओं पर डोरे डालना शुरू कर दिए हैं। शहर में बुधवार को एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से कई बसपा नेताओं की मुलाकात चर्चा में रही। इनमें पूर्व मंडल कोआर्डिनेटर समेत कई बड़े नेताओं का भीम आर्मी में शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
भीम आर्मी के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु वाल्मीकि के ताऊ की बुधवार को तेरहवीं में सोतीगंज पहुंचे चंद्रशेखर आजाद ने कई बसपा नेताओं से मुलाकात की। दिल्ली लौटते समय उन्होंने बागपत रोड स्थित बसपा के पूर्व मंडल कोआर्डिनेटर प्रदीप गुर्जर के आवास पर बैठक की। जिसमें बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सुभाष प्रधान, विनय कुराली, पूर्व जिला प्रभारी ओमपाल खादर, पूर्व जिला महासचिव डॉ. ओमप्रकाश, पूर्व कोआर्डिनेटर एवं जिला पंचायत सदस्य भारतवीर गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. राजेंद्र गौतम, पूर्व जिला प्रभारी व विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष सुरेंद्र रछौती, सपा नेता शावेज सठला, फैजल सठला समेत अन्य रहे। चंद्रशेखर 15 मार्च को राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने वाले हैं। जिसके लिए ये बैठक अहम मानी जा रही है। इस बैठक के पीछे युवा सेवा समिति के अध्यक्ष बदर अली की रणनीति मानी जा रही है।
मुलाकात के बाद बदर अली ने बताया कि दलित-मुस्लिम और पिछड़ों का नया राजनीतिक गठजोड़ होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बसपा का बड़ा खेमा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी से खफा है। जिसके चलते कई बड़े नेता और कार्यकर्ता भीम आर्मी के संपर्क में हैं। ये पार्टी की घोषणा के साथ चंद्रशेखर के साथ जा सकते हैं।
हालांकि 2022 के चुनाव में उनका ये कदम कितना सफल होगा ये समय बताएगा परंतु बसपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।